International Labour Day 2023: मैं मजदूर मुझे देवों की बस्ती से क्या, अगणित बार धरा पर मैंने स्वर्ग बनाए। मजदूर नाम सुनते ही दिमाग में जो तस्वीर बनती है वो होती है एक ऐसे इंसान की जो सर पर बोझा लादे मैले से कपडे पहने पसीने से लतपत कड़ी मस्सकत करने वाला एक मजदूर होता है।
लेकिन सिर्फ यही एक मजदूर नहीं है बल्कि आप और हम ऐसे तमाम लोग जो किसी न किसी संस्थान से जुड़े हो किसी के अंतर्गत काम कर रहे हो ऐसे सभी लोग श्रमिक या लेबर की श्रेणी में आते है।
ऐसे सभी लोग जो अपनी सेवाओं से अपने संस्थान या उपकरण को चलाने में अपना योगदान देते है ऐसे सभी लोगो को विशेष मानते हुए उन्हें एहमियत देने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 1 मई को world labour day मनाया जाता है।
अब आपके मन में सवाल होगा की international labour day के लिए 1 मई को ही क्यों चुना गया आखिर इसी तारीख को ही क्यों मनाया जाता है विश्व मजदूर दिवस।
why labour day is celebrated on may 1
1 मई को मजदूर दिवस मनाने की शुरुवात United States of America से हुई आपको बतादे की 1 may 1986 को अमेरिका में एक बहोत बड़ा आंदोलन हुआ था।
यह आंदोलन उद्योगों के उस मनमानी के खिलाफ था जिसमे मजदूरों से 12 से 15 घंटे काम करवाया जाता था और वो भी अपनी शर्तो पर, इस आंदोलन में लोगो का गुस्सा काफी तेज था और देखते ही देखते आंदोलन तेजी से बढ़ने लगा।
और इस आंदोलन पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चलनी पड़ गयी जिसमे लगभग 7 मजदूरों की मृत्यु भी हो गयी साथ ही सैकड़ो लोग जख्मी हो गए।
इसको लेकर 1989 में एक socialist conference हुआ जिसमे मजदूरों के हक़ और उनके शोषण के खिलाफ कुछ प्रस्ताव तैयार किये गए।
International Labour Day 2023: मैं मजदूर मुझे देवों की बस्ती से क्या, अगणित बार धरा पर मैंने स्वर्ग बनाए। इस socialist conference में यह तय हुआ की मजदूरों से 8 घंटे काम सप्ताह में एक दिन छुट्टी तय हुई इसी चीज़ को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 1 मई को international labour day मनाया जाने लगा।
लेकिन जहा तक भारत का सवाल है भारत में मजदूर दिवस वर्ष 1923 से मनाया गया चेन्नई में पार्टी ऑफ़ हिन्दुस्तान की लेबरो के साथ एक बैठक हुई जिसे socialist party ने भी अपना समर्थन दिया। और भारत में भी प्रत्येक वर्ष 1 मई को world labour day मनाने की हरी झंडी मिली।
विश्व मजदूर दिवस का मुख्य उपदेश मजदूरों के हक़ और उनके अधिकारों के प्रति एक जागरूकता बनाये रखना है इस दिन को महत्व देने के लिए दुनिया भर में 1 मई के दिन छुट्टी होती है।