Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Mahatma Gandhi Essay In Hindi: भारत ऋषियों और मुनियो संतो एवं महात्माओ का देश है। विकट एवं संकटकाल से देश को उबारने में ऐसे ही महापुरुषो का योगदान रहा है। भारत माँ को पराधीनता की बेड़ियों से छुड़ाने के लिए महात्मा गाँधी का जन्म हुआ। उन्होंने सत्य एवं अहिंसा के बलबूत महान सम्राज्य्वादी ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्ति दिलाई। आज इस आर्टिकल में महात्मा गाँधी से जुड़े 30 निबंध आपको देखने को मिलेंगे जो आपको महात्मा गाँधी के ऊपर निबंध लिखने की समस्या को दूर करंगे, आप पसंद के अनुसार निबंध का चयन कर सकते है।

Mahatma Gandhi Per Nibandh

Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Essay One

महात्मा गाँधी हमारे भारत देश के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 पोरबंदर गांव में हुआ था। गाँधी जी के पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था।

हम उन्हें बापू और राष्ट्रपिता के नाम से भी जानते है। गाँधी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में और माध्यमिक शिक्षा राजकोट में पूरी की। उन्होंने इंग्लैंड जाकर अपनी वकालत की परीक्षा पास की।

उस समय भारत पर अंग्रेजी का शाशन था। महात्मा गाँधी जी ने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ और देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोड़ो जैसे आंदोलन चलाये थे।

आखिर में महात्मा गाँधी जी के नेतृत्व और कई कोशिशों के कारण देश को आजादी मिली। देश की आजादी के लिए गाँधी जी ने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाया।

महात्मा गाँधी जी के पूर्व भी शांति और अहिंसा के बारे में लोग जानते थे, परन्तु गाँधी जी ने जिस प्रकार सत्याग्रह, शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए अंग्रेजो को भारत छोड़ने पर मजबूर किया, उसका कोई दूसरा उदहारण विश्व के इतिहास में देखने को नहीं मिलता।

महात्मा गाँधी जी का जीवन सादगीवाला था। वे स्वदेशी वस्तुओ के प्रयोग पर बल देते थे और कड़ी वस्त्र पहनते थे। उन्होंने लोगो को मानवता का सन्देश दिया दुर्भग्यवश, ऐसे महान व्यक्तित्व के धनि महात्मा गाँधी जी का देहांत 30 जनवरी 1948 को हुआ।

राष्ट्रपति महात्मा गाँधी जी पूरा जीवन अनुकरणीय है। आज भी हम उनके आदर्श विचारो को अपनाकर समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते है।

Mahatma Gandhi Per Nibandh

Essay Two

महात्मा गाँधी हमारे भारत देश के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था।  गाँधी जी की आरंभिक शिक्षा पोरबंदर में समाप्त हुई। राजकोट से हाई स्कूल की परीक्षा में सफल होने के बाद ये इंग्लैंड गए और सं 1891 में बैरिस्टर बनकर भारत लौटे।

भारत आने पर गांधीजी ने मुंबई में बैरिस्ट्री शुरू की। कुछ दिन यहाँ वकालत करने के बाद एक गुजरती व्यापारी का मुकदमा लड़ने दक्षिण अफ्रीका चले गए थे। वह के भारतीयों पर अंग्रेज बहुत जुल्म करते थे।

काले लोग अंग्रेजो के साथ रेल के डिब्बे में बैठ नहीं सकते थे। गांधीजी ने इस जुल्म का विरोध अहिंसात्मक ढंग से करना शुरू किया। अंग्रेजो ने इन्हे अनेक यातनाये दी – इन्हे ट्रैन से उत्तर दिया, मारा – पीटा और एक बार तो इनके दांत भी तोड़ दिए। लेकिन गांधीजी ने लड़ाई जारी रखी। हार कर अंग्रेज को भारतीयों को अनेक सुविधाएं देनी पड़ी। गांधीजी का नाम साड़ी दुनिया में मशहूर हो गया ।

जहा कही अन्याय और जुल्म होता था, गाँधी जी जनता के साथ खड़े हो जाते थे। अनेक बार वे जेल गए। अंत में सं 1942 में गाँधी जी ने नारा दिया – अंग्रेजो भारत छोड़ो।

क्रूर अंग्रेजो ने बहुत सारे लोगो को मौत के घाट उतार दिया और लाखो को जेल भेजा। लेकिन गांधीजी के साथ देश, अहिंसक होकर अंग्रेजो से लड़ा। अंग्रेजो को झुकना पड़ा और 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया। देश इन्हे राष्ट्रपिता के नाम से अभिहित किया।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi
Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Mahatma Gandhi Essay

गाँधी जी सेवा भावना कूट कूट कर भरी थी। उन्होंने देशवासिओ में स्वदेशी भाव जागृत की, लघु उद्योग के उत्थान पर जोर दिया। वे देश में गरीब, अछूत, रोगी सबकी भलाई चाहते थे। वे चाहते थे की हिन्दू मुसलमान  रहे।

गांधीजी अछूतो और हरिजनों को हक़ दिलाने में सदा आगे रहे।  महात्मा गाँधी एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ बहुत अच्छे लेखक भी थे। महात्मा गाँधी ने हरिजन, इंडियन ओपिनियन, यंग इंडिया में संपादक के तौर पर काम भी किया है।

इनके द्वारा लिखी प्रमुख पुस्तक हिन्द स्वराज, दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (इनमे उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने संघर्ष का वर्णन किया है), मेरे सपनो का भारत तथा ग्राम स्वराज है। जो आज भी समाज का मार्गदर्शन करती है।

गांधीजी की मृत्यु :

बड़ी विचित्र बात है की दुनियाभर को शांति का पथ पढ़ने वाले बापू के जीवन का अंत इतने हिंसक रूप से हुआ। 30 जनवरी 1948 को शाम दिल्ली में स्तिथ बिड़ला भवन में गाँधी जी की नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी। इस हत्याकांड में नाथूराम सहित 7 लोगो को दोषी पाया गया। गाँधी जी की शव यात्रा 8 किलोमीटर तक निकली गयी। यह देश के लिए दुःख का छन था।

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का पूरा जीवन अनुकरणीय है। आज भी हम उनके आदर्श विचारो को अपनाकर समाज में महत्वपूर्ण बदलाव का सकते है।

Gandhi Jayanti Essay

Essay Three

महात्मा गाँधी अर्थात मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गाँधी अपने अतुल्य योगदान के लिए ज्यादातर “राष्ट्रपिता और बापू” के नाम से जाने जाते है। वे अहिंसा और सामाजिक एकता पर विश्वास करते थे। उनका व्यक्तित्व आदर्शवादी था।

गाँधी जी के पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी के पिता राजकोट रियासत के दीवान थे। गाँधी जी का विवाह 13 वर्ष की अवस्था में कस्तूरबा जी से हुआ। गाँधी जी बचपन में बड़े शांत और सरल प्रवर्ति के थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षण पोरबंदर तथा राजकोट से पूरा किया और बैरिस्टरी पढ़ने के लिए वो इंग्लैंड गए थे।

गाँधी जी अच्छे राजनितिक और एक अच्छे व्यक्ति भी थे। उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए आवाज उठायी तथा भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग के लिए प्रेरित किया। उनको शोषण विहीन समाज की स्थापना करनी थी। उन्होंने भारत देश को आजादी दिलाने के लिए कई आंदोलन किये।

2 अक्टूबर के दिन सभी भारतवासी महात्मा गाँधी को स्मरण कर श्रदांजलि अर्पित करते है। सभी सरकारी और गैरसरकारी संस्थान, स्कूल, महाविद्यालयों में गाँधी जी को राष्ट्र के प्रति की गयी सेवाओं का स्मरण किया जाता है। उन्होंने भारतीयों आजादी के सपने को सच्चाई में बदला। उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश की सेवा की।

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi

Essay Four

महात्मा गाँधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपने पूरे जीवन को भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष  बिताया था। महात्मा गाँधी जी को भारत में “बापू” या “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है और उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। 2 अक्टूबर का दिन भारत में गाँधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।

वे एक ऐसे महापुरुष थे जो अहिंसा और सामाजिक एकता पर विश्वास करते थे। उन्होंने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग के लिए प्रेरित किया और विदेशी वस्तुओ का बहिष्कार करने के लिए लोगो को प्रेरित किया। आज भी लोग उन्हें उनके महान और अतुल्य कार्यो के लिए याद करते है। वे भारतीय संस्कृति से अछूत और भेदभाव की परंपरा को नष्ट करना चाहते थे और ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद (स्वतंत्र) कराना चाहते थे।

उन्होंने भारत में अपनी पढाई पूरी की और कानून के अध्ययन के लिए इंग्लैंड चले गए। वह से गाँधी जी एक वकील के रूप में भारत लौट आये और भारत में कानून का अभ्यास करना शुरू कर दिया। गाँधी जी भारत के लोगो की मदद करना चाहते थे, जो ब्रिटिश शासन द्वारा अपमानित और दुखी थे। भारत में ही गाँधी जी एक सदस्य के रूप में भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में शामिल हो गए।

Gandhi Ji Per Nibandh

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi
Mahatma Gandhi Essay In Hindi

महात्मा गाँधी जी भारत स्वतंत्रता आंदोलन के महान नेता थे जो भारत की स्वतंत्रता के लिए बहुत संघर्ष करते थे। उन्होंने 1930 में नमक सत्याग्रह या दंडी मार्च का नेतृत्व किया। उन्होंने और भी कई आंदोलन किये। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ काम करने के लिए बहुत से भारतीयों को प्रेरित किया था।

एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में, उन्हें कई बार जेल भेज दिया गया था लेकिन भारतीयों के साथ उनके बहुत सारे संघर्षो के बाद उन्होंने भारतीयों के न्यायसंगतता के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई जारी रखी, और अंत में महात्मा गाँधी और सभी स्वतंत्रता सेनानियों की मदद से भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया।

लेकिन 30 जनवरी 1948 को महात्मा गाँधी का निधन हो गया। महात्मा गाँधी की हत्या नाथूराम गोडसे ने की थी। महात्मा गाँधी जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हे उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जायेगा।

Mahatma Gandhi Ka Nibandh

Essay Five

परिचय :- भारत ऋषियों और मुनियो संतो एवं महात्माओ का देश है। विकट एवं संकटकाल से देश को उबारने में ऐसे ही महापुरुषो का योगदान रहा है। भारत माँ को पराधीनता की बेड़ियों से छुड़ाने के लिए महात्मा गाँधी का जन्म हुआ। उन्होंने सत्य एवं अहिंसा के बलबूत महान सम्राज्य्वादी ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्ति दिलाई।

जन्म एवं शिक्षा :-

महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान में हुआ था। इनकी माता का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम करमचंद गाँधी था। गांधीजी की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही संपन्न हुई। उन्होंने राजकोट से हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। बाद में विलायत से बैरिस्टरी की परीक्षा पास की।

कार्य :-

वर्ष 1893 ईo में गांधीजी एक कंपनी के मुक़दमे की पैरवी करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में एक वकील के रूप के गए। उन्होंने वहा के काले कानूनों के विरुद्ध सत्याग्रह किया जिसमे उन्हें सफलता मिली।

भारतीय राजनीती में प्रवेश :-

वर्ष 1916 ईo में गांधीजी स्वदेश लौटे। उन दिनों गोपालकृष्ण गोखले कांग्रेस के एक गणमान्य सदस्य थे। उनकी अपील पर गांधीजी कांग्रेस में शामिल हो गए।

Mahatma Gandhi Nibandh

स्वतंत्रता आंदोलन में प्रवेश :-

1920 ईo में उन्होंने असहयोग आंदोलन प्रारंभ किया जिसमे भारत के प्रत्येक नागरिक ने प्रत्यक्ष रूप से अपना समर्थन दिया। 1929 ईo में गाँधी जी ने रावी नदी के किनारे कोंग्रेश के अधिवेशन पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा कर दी।

1930 ईo में इन्होने नमक कानून के विरुद्ध दांडी यात्रा प्रारम्भ की। 1942 में गांधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया जिसमे गांधीजी के प्रयासों से ब्रिटिश शासक देश को स्वतंत्र करने को राजी हो गए। और 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया।

मृत्यु :-

30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने एक प्रार्थना सभा में गोली मारकर गांधीजी की हत्या करदी और गांधीजी का अचानक     निधन से सारा देश शोक के सागर में डूब गया।

उपसंहार :-

गांधीजी भले ही आज हमारे बिच नहीं हो किन्तु उनके विचार प्रासंगिक है तथा पूरी दुनिया को रास्ता दिखाते है। आज गाँधी दिवस (2 अक्टूबर) को पूरे विश्व में अहिंसा दिवस के रूप में तथा भारत में गाँधी जयंती के रूप में है तथा इस दिन को राष्ट्रिय त्यौहार की मान्यता प्राप्त है। 

Essay Six

महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गाँधी के पिता का नाम करमचंद गाँधी व माता का नाम पुतलीबाई था। इनका विवाह 15 वर्ष की आयु में हुआ इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था।

गाँधी जी ने बैरिस्टर बनने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन से कानून की पढाई की। अंग्रेजो भारत छोड़ो ये बापू का नारा था लेकिन बापू हिंसा के खिलाफ थे। आजादी में बापू के योगदान के कारण इन्हे राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया है। वे चरखा चलाकर सूत बनाते थे और उसी से बानी धोती पहना करते थे। गाँधी जी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई थी उनकी समाधी  आज भी नयी दिल्ली के राजघाट में स्तिथ है।

Paragraph On Mahatma Gandhi

Essay Seven

प्रस्तावना : देश की आजादी में मूलभूत भूमिका निभाने वाले तथा सभी को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखने वाले महात्मा गाँधी हमारे देश के राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाते है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। महात्मा गाँधी ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रिय आंदोलन के एक महान नेता माने जाते थे।

जन्म एवं शिक्षा :-

महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। गाँधी जी का बचपन में पढाई में मन नहीं लगता था पर बचपन से ही उन्हें उचित अनुचित में फर्क पता था।

इनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में संपन्न हुई, हाई स्कूल की परीक्षा इन्होने राजकोट से दी। गांधीजी जब केवल तरह वर्ष के थे और स्कूल में पढ़ते थे उसी वक़्त पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा से उनका विवाह कर दिया गया। बाद में गांधीजी ने वकालत लंदन से संपन्न की।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान तथा आंदोलन :-

महात्मा गाँधी ने “अहिंसा परमो धर्म” में माध्यम से देश को गुलामी की जंजीरो से मुक्त कराया। वह एक अच्छे राजनेता होने के साथ साथ एक महान वक्ता भी थे। उनके द्वारा बोले गए शब्दों का उपयोग अभी भी लोगो द्वारा किया जाता था। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई आंदोलन किये, जिनमे असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत  छोड़ो आंदोलन, चम्पारण आंदोलन आदि प्रमुख है।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi 200 Words

Mahatma Gandhi Essay In Hindi
Mahatma Gandhi Essay In Hindi

गांधीजी लेखक के रूप में :-

“कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते, छमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है” – महात्मा गाँधी एक कुशल राजनितिक के साथ बहुत अच्छे लेखक भी थे। महात्मा गाँधी ने हरिजन, इंडियन ओपिनियन, यंग इंडिया में संपादक के तौर पर काम किया।

तथा इनके द्वारा लिखी प्रमुख पुष्तक हिन्द स्वराज, दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (इसमें उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने संघर्ष का वर्णन किया है) मेरे सपनो का भारत तथा ग्राम स्वराज है। जो आज भी समाज का मार्ग दर्शन करती है।

गाँधी जी की मृत्यु :-

बड़ी विचित्र बात है की दुनियाभर को शांति का पाठ पढ़ने वाले बापू के जीवन का अंत इतने हिंसक रूप से हुआ। 30 जनवरी 1948 की शाम दिल्ली में स्तिथ बिरला भवन में गाँधी जी की नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी। इस हत्याकांड में नाथूराम सहित 7 लोगो को दोषी पाया गया। गाँधी जी की शव यात्रा 8 किलोमीटर तक निकली गयी। यह देश के लिए दुःख का छण था।

उपसंहार :-

विश्व पटल पर महात्मा गाँधी सिर्फ एक नाम नहीं अपितु शांति और अहिंसा का प्रतिक है। गाँधी जी को अहिंसक विरोध करने के कारण अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई। आज गांधीजी हमारे बिच नहीं है, किन्तु उनके आदर्श सिद्धांत हमें सदैव याद रहेंगे। उनका नाम अमर रहेगा।

गाँधी जी के शब्द : कुछ ऐसा जीवन जियो की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जैसे की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो। गाँधी जी के इन्ही सिद्धांतो से हम सबको शिक्षा लेनी चाहिए।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Essay Eight

प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाई जाती है। यह जयंती पूरे भारतवर्ष में एक राष्ट्रिय कार्यक्रम के रूप में मनाई जाती है। इस दिन को अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आजादी के लिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गाँधी जी ने अथक और निसंदेह योगदान दिया।

महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। वे हमारे देश के उन महापुरषो में से एक थे जिन्होंने राष्ट्रिय जीवन का एक नया इतिहास तैयार किया। सच्चाई और अहिंसा के माध्यम से उन्होंने अंग्रेजो से भारत की आजादी के लिए एक अलग राह बनायीं।

गाँधी जी को राष्ट्रपिता कहकर भी पुकारा जाता है, हम उन्हें बापू भी कहते है। वे न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए आशा का केंद्र थे।

महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ईo को गुजरात के पोरबंदर नामक शहर में हुआ था। गाँधी जी के पिता करमचंद गाँधी राजकोट रियासत के दीवान थे। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। जिन्होंने गांधीजी का लालन पोषण बड़े ही अच्छे ढंग से किया था। गाँधी जी का असली नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था।

Mahatma Gandhi Per Nibandh

गाँधी जी का सबसे प्रेरणादायक उदहरण है : “खुद को जानना है तो दुसरो की सेवा में डूब जाओ।” जो उनके महत्वपूर्ण निस्वार्थ योगदान को दर्शाता है।

महात्मा गाँधी ने अंग्रेजो के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बल्कि उनकी प्रतीकात्मक दृष्टि ने दुनिया भर के लोगो को किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।

गाँधी जी सच्चाई और अहिंसक के अग्रदूत थे, उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गाँधी जी ने दुनिया को यह शाबित कर दिखाया की अहिंसा के मार्ग से स्वतंत्रता हासिल की जा सकती है।

देश को आजाद कराने वाले राष्ट्रपिता बापू जी को देश के ही एक व्यक्ति “नाथूराम गोडसे” ने 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी। लेकिन गाँधी जी का चरित्र चित्रण आज भी हमारे प्राणो में नया जोश और उत्साह भरता है।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Essay Nine

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात में पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गाँधी था और उनके माता का नाम पुतलीबाई था। गाँधी जी का विवाह 13 वर्ष की उम्र में कस्तूरबा नाम की एक कन्या से उनके माता पिता द्वारा करवा दिया गया था।

महात्मा गाँधी ने प्राथमिक शिक्षा भारत में ग्रहण की और उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए थे। इंग्लैंड में वकालत की पढाई पूरी करके किसी कानून के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका चले गए था। दक्षिण अफ्रीका में गाँधी जी को रंगभेद का सामना करना पड़ा था। उस समय भारत भी अंग्रेजो का गुलाम था इसीलिए उसी समय उन्होंने अंग्रेजो से बदला लेने का मन बना लिया था।

गाँधी जी भारत आये और भारत की स्वतंत्रता के प्रति लोगो को जागरूक करना शुरू कर दिया। उन्होंने अंग्रेजो के विरुद्ध असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे अनेको आंदोलन चलाये, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।

कई प्रयासों के बाद गाँधी जी और अन्य क्रांतिकारियों ने 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता दिलाई थी। परन्तु 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने महात्मा गाँधी को गोली मारकर हत्या कर दी। जिसके कारण पूरे देश में उदासी का मातम छा गया था।

गाँधी जी हमेशा सत्य और अहिंसा के पथ पर चलते थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही गाँधी जी को सर्वप्रथम महात्मा गाँधी कहकर पुकारा था।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Essay Ten

“दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।”

भारत के अनेक महापुरषो की जन्मभूमि है। राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध, महावीर, नानक जैसे अनेक संत – महात्माओ ने यहाँ जन्म लेकर इस भूमि को पवित्र किया। आधुनिक युग में एक ऐसे ही अहिंसा के अवतार गाँधी ने जन्म लिया जिसमे हमें न केवल सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया, बल्कि हमें दस्ता के बंधन से मुक्त करवाया।

महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को काठियावाड के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ। इनके पिता का करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था।

इनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट में हुई। 13 वर्ष की आयु में इनकी शादी कस्तूरबा से कर दी गयी। मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद वे वकालत की शिक्षा प्राप्त करने इंग्लैंड चले गए तथा बैरिस्टर बनकर भारत लौटे।

एक मुक़दमे की पैरवी करने के लिए इन्हे दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा, जहा अंग्रेजो की रंग भेद निति का शिकार होना पड़ा। गाँधी जी ने उसके विरुद्ध आवाज उठाई तथा उसमे सफलता भी प्राप्त हुई।

दक्षिण अफ्रीका से लौटकर इन्होने भारत में भी अहिंसात्मक आंदोलन चलने का निश्चय किया तथा भारत की स्वतंत्रता के लिए जुट गए। गांधीजी ने सत्याग्रह को अपना अस्त्र बनाया। गाँधी जी के आंदोलन में सारा भारत एक जूट होकर कूद पड़ा।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi

1921 में इन्होने असहयोग आंदोलन चलाया जिससे गोरी सरकार हिल गयी इनके नेतृत्व में जनता ने विदेशी वस्तुओ का बहिस्कार किया। वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह तथा 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन भी चलाये गए। अंग्रेज ने अनेक बार गांधीजी को बंदी बनाया और जेल में भी बंद किया।

परन्तु अंत में अंग्रेजी सरकार को झुकना पड़ा और 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वाधीनता मिली। देश के विभाजन के समय हिंसा रोकने के लिए गांधीजी ने उपवास किया तथा हिन्दू मुस्लिम एकता स्थापित की। गाँधी जी ने अछूतोद्वार के लिए कार्य किया।

इन्होने स्वदेशी वस्तुओ तथा कड़ी के उपयोग पर भी विशेष बल दिया गांधीजी भारत में रामराज्य देखना चाहते थे।

सत्य, अहिंसा तथा मानवता के इस पुजारी की 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने एक प्राथना सभा में गोली मारकर हत्या कर दी जिससे सारे विश्व में शोक छा गया। गांधीजी भारत के राष्ट्रपिता थे, उनकी सिक्षाएँ आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रही है।

Essay Eleven

भारत की पावन भूमि पर अनेक संत, महात्माओ, विचारको और समाज सुधारको ने जन्म लिया है। जिन्होंने भारत में मस्तक को गर्व से ऊँचा किया है। इनमे से एक चमकते हुए सूर्य का नाम है महात्मा गाँधी।

महात्मा गाँधी को बापू और राष्ट्रपिता के रूप में भी जाना जाता है। गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के काठियावाड़ में पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ।

Mahatma Gandhi Per Nibandh
Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi

उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी था, जो की राजकोट के दीवान थे। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था, जो की धार्मिक विचारो वाली महिला थी। 13 वर्ष की उम्र में इनका विवाह कस्तूरबा गाँधी से हो गया। इनके विवाह के कुछ दिनों बाद इनके पिताजी का देहांत हो गया। मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करके वे वकालत की पढाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए।

गांधीजी ने सदैव सत्य की पूजा की, उन्होंने सत्य के सच्चे स्वरुप को जीवन में अपनाया। इन्होने परमाणु युग में भी हिंसा को त्यागते हुए अहिंसा का मार्ग अपनाया। महात्मा गाँधी को एक मुक़दमे के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा तब उन्हें अश्वेत होने के कारण रेल के डिब्बे से बहार फ़ेंक दिया गया। उनको भारतीयों का यह अपमान बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने भारतीय जनता को स्वतंत्रता पाने  प्रेरित किया।

उन्होंने अंग्रेजो के अत्याचारों के विरोध में 1920 में असहयोग आंदोलन तथा 1930 में सत्याग्रह आंदोलन चलाये।

1942 में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया गया। आंदोलन के कारण गांधीजी कई बार जेल भी गए, और आखिरकार अंग्रेजो ने महात्मा गाँधी के सत्याग्रह के समक्ष घुटने तक दिए और भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया। गाँधी जी के त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता।

गाँधी जी ने अपना सब कुछ लुटा दिया। वे त्याग  के जीते जागते मूर्ती थे। उनका नाम भारत के इतिहास में सागा अमर रहेगा। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

उनके मुँह से निकले अंतिम शब्द थे “हे राम।” उनकी समाधी दिल्ली के राजघाट पर बनायीं गयी। गांधीजी भले ही आज हमारे बिच जिन्दा नहीं है लेकिन उनके विचार सदा सदा के लिए हमारे दिलो में जिन्दा रहेंगे।

Gandhi Ji Per Nibandh

Essay Twelve

महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था, आज पूरा विश्व उन्हें बापू के नाम से जानता है। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी था। महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।

महात्मा गाँधी का विवाह 13 वर्ष की उम्र में कस्तूरबा बाई से करवा दिया गया। महात्मा गाँधी और कस्तूरबा दोनों के चार पुत्र थे जिनका नाम हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास था। महात्मा गाँधी जी को आज हम राष्ट्रपिता के नाम से जानते है। 2 अक्टूबर को हम उनकी महात्मा गाँधी की यद् में अहिंसा दिवस के रूप में मानते है।

गाँधी जी का परिचय :-

  • पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गाँधी
  • जन्म  – 2 अक्टूबर 1869
  • मृत्यु – 30 जनवरी 1948
  • पिता का नाम – करमचंद गाँधी
  • माता का नाम – पुतलीबाई
  • मृत्यु का कारण – नाथूराम गोडसे दवरा गोली मार कर हत्या
  • जन्म स्थाम – पोरबंदर (गुजरात)
  • पत्नी का नाम – कस्तूरबा बाई
  • विवाह के समय में उम्र – 13 वर्ष
  • उत्तराधिकारी – चार पुत्र (हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास)
  • पढाई – वकालत लंदन से
  • दर्जा – भारत देश के राष्ट्रपिता
  • दूसरा नाम – बापू

प्रारंभिक जीवन :-

उनकी प्रारंभिक पढाई पोरबंदर के मिडिल स्कूल में हुई औरहाई स्कूल राजकोट से किया। हलाकि गाँधी जी पढ़ने में इ औसत छात्र थे। मैट्रिक के बाद उन्होंने अपनी आगे की पढाई बहुनागर के शामलदास कॉलेज से की पर उनके परिवार वाले उन्हें वकालत की पढाई करवाना चाहते थे।

उनको आगे की पढाई वकालत में करने हेतु लंदन भेज दिया गया। लंदन से वकालत की पढाई करने के बाद उन्होंने मुंबई में वकालत की पर उन्हें कोई सफलता नहीं मिली उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में 1 साल वकालत करने का फैशला लिया उस समय दक्षिण अफ्रीका का कुछ भाग ब्रिटिश राज में आता था।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi

राजनितिक जीवन का प्रारम्भ :-

दक्षिण अफ्रीका दौरे से उनके जीवन में एक नया मोड़ आया। दक्षिण अफ्रीका में गाँधी को भारतीयों पर नस्लीय भेदभावों का सामना करना पड़ा।

एक बार न्यायधीश ने भी उन्हें अपनी पगड़ी उतारने को कहा तो उन्होंने पगड़ी उतारने से मना कर दिया और इन साड़ी घटनाओं ने उनके ऊपर गहरा प्रभाव डाला और सामाजिक अन्याय के खिलाफ अव्वज उठाने के जागरूकता उत्पन्न की और फिर यही

से उनकी राजनैतिक और लीडरशिप की खासियत पूरी दुनिया के सामने उभर के आयी उन्होंने अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ के आंदोलन किये।

अफ्रीका से भारत बाद उन्होंने देखा की उनके देश के जन अंग्रेजो की गुलामी की मार झेल रहे है तो उन्होंने अपने देश को अंग्रेजो के चुंगल से आजाद करवाने का दृढ संकल्प लिया और इसके लिए उन्होंने अपने पूरे जीवन को समर्पित कर दिया।

गाँधी जी अपनी सादगी भरी ज़िंदगी और उच्च विचारो के चलते उनके लोगो पर एक अलग जादुई प्रभाव रहता था। वह हमेसा अहिंसा के मार्ग पर चलते थे।

भारत में महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गए आंदोलन :-

गाँधी जी ने भारत में रहकर भारत देश को आजाद करने के लिए कई आंदोलन और सत्याहग्रह किये। जो निचे लिखे हुए है:-

Mahatma Gandhi Ka Nibandh

चम्पारण और खेड़ा आंदोलन :-

यह गाँधी जी का प्रथम आंदोलन था जिसमे उन्होंने जमींदारों द्वारा किसानो पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कई आंदोलन किये और कई रैलिया निकली ताकि किसानो को नील की खेती का उचित दाम मिल सके।

उन्होंने गाँवो में सफाई को बढ़ावा दिया। गाँवो में अस्पताल बनाये, नए स्कूल बनवाये। वह के आंदोलन के चलते एक बार पुलिस ने उनको जेल में डाल दिया तो लोगो ने भरी भरकम संख्या में सरकारी दफ्तरों के बहार रैलिया निकली और गाँधी जी को बिना किसी शर्तो पर रिहा करने की मांग की।

असहयोग आंदोलन :-

दिन ब दिन अंग्रेजो का अत्याचार लोगो पर बढ़ता जा रहा था और इसी बिच जनरल डायर ने पंजाब के जलियावाला बाघ में गोलिया चलवाकर कई सैकड़ो लोगो का नरसंहार कर दिया।

इस घटना ने गाँधी जी को गहरा आघात पहुंचाया और उन्होंने ठान लिया की अब इस भारत देश को अंग्रेजो की क्रूर दमनकारी हिंसा से आजाद करवाना पड़ेगा।

उन्होंने देश के सभी लोगो से आग्रह किया की वो ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी वस्तुओ का इस्तेमाल करे और विदेशी वस्तुओ का बहिष्कार करे।

इस आंदोलन के कड़ी पहनने पर जोर दिया गया जो की स्वदेशी थी। महात्मा गाँधी जी का यह आंदोलन अहिंसा रुपी नीतियों से प्रभावित था लेकिन इस आंदोलन ने धीरे धीरे उग्र रूप धारण करना शुरू कर दिया और देश में चोरा चोरी कांड जैसी घटनाये घटने लगी जिससे गाँधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया। लेकिन गाँधी जी को इस आंदोलन के लिए दमनकारी अंग्रेजी सरकार ने पकड़ लिया और 6 साल की सजा सुनाई।

Paragraph On Mahatma Gandhi

नमक सत्याग्रह :-

मार्च 1930 में नमक पर लगाए गए कर के विरोध में महात्मा गाँधी जी ने नमक आंदोलन चलाया जिसमे उन्होंने 12 मार्च से 6 अप्रैल तक गुजरात के अहमदाबाद से दांडी तक 400 किलोमीटर तक की यात्रा की ताकि वो खुद समुन्द्र से नमक बना सके। इस आंदोलन में लोगो ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

दलित आंदोलन :-

दलित आंदोलन महात्मा गाँधी जी द्वारा किया गया था जिसमे दलितों को सामान अधिकार देने पर जोर दिया गया इसके लिए महात्मा गाँधी जी ने 6 दिन का अनशन रखा उन्होंने दलितों को हरिजन बताया जिसका मतलब होता है “भगवान् की संताने।”

गाँधी जी ने यह आंदोलन में भारत बढ़ रहे छुआछूत समस्याओं को समाप्त करने के लिए किया था। हरिजन आंदोलन में गाँधी जी ने हरिजनों की मदद के लिए 8 मई 1933 को 21 दिन तक चलने वाला उपवास रखा।

उस समय देश में दलितों पर प्रतिबन्ध लगा हुआ था और भारत की अंग्रेजो में छुआछूत एक प्रमुख बाधा थी जो लोगो को बड़े स्तर पर एक साथ लाने में कठिनाइया उत्पन्न कर रही थी।

 भारत छोड़ो आंदोलन :-

जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था तो गाँधी जी ने अंग्रेजो का साथ देने हेतु अपने भारत के लोगो को भेजने का फैशला लिया परन्तु कई कांग्रेस के कार्यकर्ताओ द्वारा इस फैशले का विरोध किया गया क्युकी यह एक तरफ़ा फैशला था।

तो गाँधी जी ने इस विरोध को देखते हुए अंग्रेजी सरकार के सामने भारत छोड़ो का प्रस्ताव रखा और इस प्रस्ताव में कहा गया की अगर वो भारत छोड़ने के प्रस्ताव है तभी वो उनकी  दूसरे विश्व युद्ध में सहायता करंगे।

गाँधी जी के इन सारे प्रयासों से भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिल गयी।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi

भारत विभाजन और स्वतंत्रता में महात्मा गाँधी का योगदान :-

 एक समय ऐसा था की हिन्दू मुस्लिम की लड़ाईया बढ़ती जा रही थी और उग्र रूप धारण कर रही थी तो इसी बिच ब्रिटिश सरकार ने देश का विभाजन का प्रस्ताव रखा जिसे महात्मा गाँधी ने ठुकरा दिया।

कांग्रेस के सभी लोगो को पता था की गाँधी जी विभाजन की बात को सहमति नहीं देंगे लेकिन सरदार पटेल के सहयोग और गाँधी जी के करीबी लोगो के द्वारा बहुत समझाए जाने पर उन्होंने मजबूरन अपनी सहमति प्रदान की।

गाँधी जी की हत्या :-

जब गाँधी जी दिल्ली भवन में लोगो को सम्बोधित कर रहे थे तो उसी बिच भीड़ के बिच में से नाथूराम गोडसे ने उन्हें गोली मारकर हत्या कर दी। उनके मुँह से निकले आखिरी शब्द “हे राम” थे जो की उनके स्मारक पर भी लिखा गया है।

आइंस्टन का गाँधी जी को लेकर टिपण्णी :-

गाँधी जी के बारे में आइंस्टन ने कहा था की – हजार साल बाद आने वाली नस्ले इस बात पर मुश्किल विश्वास करेंगी की हाड़-मांस से बना ऐसा कोई इंसान भी धरती पर कभी आया था।

गाँधी जी के सिदांत :-

  • गाँधी जी हमेशा सत्य और अहिंसा पर चलते थे उनका जीवन सादगी से भरा हुआ था।
  • वह खुद शाकाहारी भोजन करते थे।
  • वो दुसरो को भी सत्य और अहिंसा की राह पर चलने के लिए प्रेरित करते थे।
  • हमेसा स्वदेशी वस्तुओ के प्रयोग पर बल देते थे उनका लगाव खादी से बोहोत था और हमेसा खादी से बने वस्त्र पहनते थे।
  • महत्मा गाँधी जी के तीन कथन बोहोत प्रचलित है जो की “न कभी बुरा बोलो” “न कभी बुरा सुनो” “न कभी गलत होता हुआ देखो”
Essay On Mahatma Gandhi In Hindi
Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Long Essay On Mahatma Gandhi

उपसंहार :-

गाँधी जी के जीवन से हमें यह सिख मिलती है की हमें हमेशा सत्य और अहिंसा के रास्ते प् चलना चाहिए चाहे जिंदगी में कितनी बड़ी समस्या क्यों न आये कभी घबरा घबड़ा के पीछे नहीं हटना चाहिए उस समस्या का डट कर सामना करना चाहिए।

हमें लोगो को अपने साथ में लेकर आगे बढ़ना चाहिए। कभी भी जाती धर्म के नाम पर लोगो में लड़ाईया नहीं करनी चाहिए, और अगर ऐसा होता दिखे तो उसका विरोध करना चाहिए। हमेशा अपने हक़ के लिए लड़ना चाहिए। कभी झूट के रास्ते पर नहीं चलना चाहिए, हमेशा लोगो के भले की सोचनी चाहिए जैसे गाँधी जी सोचते थे।

Essay Thirteen

सीधा साधा वेश था, न कोई अभिमान,
खादी की एक धोती पहने बापू की थी शान।

महात्मा  गाँधी जी हमारे भारत महान नेता थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था। गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था, उनके पिता राजकोट में दीवान थे। माता पुतलीबाई ने उन्हें बचपन में ही सत्य और अहिंसा की शिक्षा देती थी। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा था, कस्तूरबा ने हर हाल में गांधीजी का पूरा साथ दिया।

Mahatma Gandhi Essay In English 200 Words

महात्मा गाँधी ने इंग्लैंड जाकर अपनी बेरिस्टर की पढाई पूरी की। उन्होंने अफ्रीका में वकालत की। उस समय भारत पर अंग्रेजो  शासन था। गांधीजी ने अंग्रेजो के खिलाफ देश को स्वतंत्र करने के लिए आंदोलन शुरू किये। आखिर में 15 अगस्त 1947 को भारत देश को आजादी मिली। गांधीजी ने पूरे विश्व में सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। उन्होंने देशवासियो को सत्य और अहिंसा के साथ सूतकताई स्वदेशी वस्तुओ का प्रशिक्षण दिया।

लोग उन्हें प्यार से बापू कहते थे। गाँधी जी को महात्मा, राष्ट्रपिता भी कहा जाता था। उनका रहन सहन सादा और विचार उच्च थे। दुनिया भर में गाँधी जी का जन्मदिवस अंतरास्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। गाँधी जी के विचार हम सभी के लिए सदा आदर्श रहेंगे।

Essay Fourteen

महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के काठियावाड़ जिला पोरबंदर में हुआ था। उनकी माता श्री पुतलीबाई और पिता श्री करमचंद्र गाँधी जी थे। गाँधी जी का बचपन का नाम मोहनदास था और उनके पिता राजकोट रियासत में दीवान थे।

राजकोट में ही रहकर गाँधी जी ने हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। गाँधी जी के बालक मन पर माता के हिन्दू आदर्श की छाप और पिताश्री के सिदानत्वादि विचारो की गंभीर छाप पड़ी थी। इसलिए उच्च शिक्षा को प्राप्त करने के लिए गाँधी जी इंग्लैंड के लिए रवाना हुए, तब उन्होंने माताश्री को यह विश्वास दिलाया की वे मांस शराब को कभी स्पर्श नहीं करंगे।

गाँधी जी इंग्लैंड में लगभग तीन वर्षो में वकालत की शिक्षा पूरी कर ली। बैरिस्टरी की शिक्षा प्राप्त करके गाँधी जी पुनः स्वदेश लौट गए।

Mahatma Gandhi Essay In English 300 Words

स्वदेश आकर गाँधी जी ने बम्बई में वालकॉट शुरू की। एक दिन मुक़दमे की पैरवी करने के लिए गाँधी जी अफ्रीका दौरे के लिए गए। रास्ते में गाँधी जी के साथ अंग्रेजो ने दूर्वव्यवहार किया। दक्षिणी अफ्रीका में गाँधी जी ने भारतीयों के प्रति गोरे शासको की अमानवता और ह्रदय पर चोट पहुंचाने वाले व्यवहार से क्रोधित हो उठे।

वर्ष 1906 में जब ट्रांसवाल कानून पारित हुआ। तब गाँधी जी ने इसका विरोध किया। इसके लिए गाँधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन को जारी किया और अनेक पीड़ित तथा शोषित भारतीयों को इससे प्रभावित करते हुए उनकी स्वतंत्रता की चेतना को जगाया। इसी सिलसिले में गाँधी जी ने कांग्रेस की स्थापना भी ली लगातार दो वर्षो की सफलता के बाद गाँधी जी भारत लौट आये।

वर्ष 1915 में जब गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे तो यहाँ भी अंग्रेजो ने अत्याचारों और कठोरता का गहरा अध्ययन करके भारतीयों की स्वतंत्रता के प्रयास में लग गए। गांधीजी ने भारत की समस्त जनता को स्वतंत्रता के लिए प्रेरित किया।

अब गाँधी जी अंग्रेज सरकार से टक्कर लेने के लिए पूर्ण रूप से तैयार थे। गाँधी जी ने वर्ष 1919 में असहयोग आंदोलन का नेतृत्व करते हुए देशव्यापी स्तर पर स्वतंत्रता प्राप्ति का बिगुल बजा दिया।

वर्ष 1918 में अंग्रेज सरकार को अपनी नीतियों में सुधार करना पड़ा, लेकिन गाँधी जी इससे संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद गाँधी जी ने पूर्ण स्वतंत्रता के प्रयास में जी जान के साथ भाग दौड़ शुरू कर दी।

इस समय देश के हरेक कोने में एक से एक बढ़कर देशभक्तो ने जन्मभूमि भारत की गुलामी क बेदी को तोड़ने को कमर कसकर महात्मा गाँधी का साथ देना शुरू कर दिया।

Gandhiji Ka Nibandh

इसमें बालगंगाधर तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपतराय, सुभाष चंद्र बोस आदि मुख्य र्रोप से थे साथ जी इसी समय वर्ष 1929 में अंग्रेजो से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की। कोई प्रभाव न पड़ने के कारण महान नेताओ सहित महात्मा गाँधी ने नमक कानून तोडा।

महत्मा गाँधी सहित अनेक व्यक्तियों कोजेल जाना पड़ा। इससे कुक सहमि अंग्रेज सरकार को समझौता करना पड़ा। वर्ष 1931 में वायसराय में लंदन में गोलमेज में कांग्रेस से बातचीत की, लेकिन कोई अपेकछित परिणाम न निकला।

वर्ष 1934 में अंग्रेजो ने अपन मूल नीतियों में सुधर की और घोषणा की। पीर भी अंग्रेजो का जुल्म भारतीयों पर वैसे ही चलता रहा। इससे तंग होकर महात्मा गाँधी ने 1942 में भारत छोड़ो का जबरदस्त नारा सामने लाये।

चारो और से आजादी का स्वर गूंजने लगा। अंग्रेज सरकार के पाव उखाड़ने लगे। अनेक महान नेताओं सहित सभी देश की आन पर मिटने वालो को अंग्रेजो द्वारा जेल में दाल दिया गया।

इतनी भरी संख्या में कभी कोई आंदोलन नहीं हुआ था। अंग्रेज सरकार ने जब अपने शासन के दिन को छीनता हुआ देखा तो आखिरी में 15 अगस्त 1947 को भारत पूर्ण तरह से अंग्रेजो की गुलामी से स्वतंत्रत हुआ।

स्वतंत्रता के बाद भात चाँद समय स्वस्थ रहा। फिर समय के कुछ देर के बाद इसमें साम्प्रदायिकता का ऐसा रोग लग गया की इसकी इसकी शिल्प चिकित्सा करने पर भारत और पकिस्तान दो विभिन्न अंगो में बट गए।

महात्मा गाँधी को 30 जरवरी 1948 को एक सभा में नाथूराम गोडसे दवरा गोली मार दी गयी जोकि एक दुखदायी खबर थी दुनिया के लिए।

Short Essay On Mahatma Gandhi

Essay Fifteen

महात्मा गाँधी को हमलोग राष्ट्रपिता के नाम से जानते है, इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था।

इनकी माता का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम कामचंद गाँधी था। गाँधी जी की प्रारंभिक शिक्षा गुजरात में हुई। मात्र तरह वर्ष की आयु में उनका विवाह कस्तूरबा से हो गयी।

उन्होंने 1887 में मैट्रिक की परीक्षा पास कर आगे की शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए। 1914 में गाँधी जी वापस आये और देश की आजादी में लग गए।

गाँधी जी ने कई आंदोलन किये जिसमे सत्याग्रह आंदोलन, असहयोग आंदोलन, नागरिक अवज्ञा आंदोलन, दांडी यात्रा और भारत छोड़ो आंदोलन।

गाँधी जी के कठिन प्रयत्न से हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ। सभी लोग गाँधी जी को प्यार से “बापू” कहते थे। गाँधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। गाँधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।

आजादी के एक साल बाद नाथूराम गोडसे ने महात्मा गाँधी को गोली मारकर 30 जनवरी 1948 को हत्या कर दी। गाँधी जी को हमलोग महान पुरुष के रूप में याद रखेंगे।

Paragraph On Mahatma Gandhi
Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Essay Sixteen

महात्मा गाँधी का नाम केवल भारत में ही नहीं बल्कि सारे संसार में प्रसिद्ध है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।

Essay On Gandhiji

उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर शहर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट में हुई। फिर वे इंग्लैंड जाकर बेरिस्टर बने।

गाँधी जी ने भारत में अंग्रेज सरकार के अत्याचारों के विरुद्ध सत्य – गृह आंदोलन चलाया। गाँधी जी के प्रयत्नों से सदियों से गुलामी भोगने वाले भारत को स्वतंत्रता मिली। गाँधी जी ने हिन्दुओ और मुसलमानो की एकता के लिए काम किया।

उन्होंने हरिजनों की दुर्दशा सुधारने के लिए भरसक प्रयत्न किये। उन्होंने जीवभर हमारे देश की सेवा की। इसलिए वे हमारे देश के राष्ट्रपिता कहलाये।

गाँधी जी सत्य, प्रेम और अहिंसा के पुजारी थे वे सरलता और सादगी की मूर्ती थे। वे बच्चो को बहुत प्यार करते थे।

30 जनवरी 1948 के दिन नाथूराम गोडसे नामक एक भारतवासी ने गांधीजी की हत्या कर दी। आज गांधीजी हमारे बिच नहीं है फिर भी उनके महान कार्य हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।

Essay Seventeen

महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य के कठियावाड़ा जिले में स्तिथ पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। गांधीजी के पिता का नाम करमचंद गाँधी था और माता का नाम पुतलीबाई था।

गाँधी जी की प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में हुई थी। अपनी कक्षा में वे एक साधारण विद्यार्थी थे। गाँधी जी अपने सहपाठियों से बहुत कम बोलते थे लेकिन अपने शिक्षकों का पूरा आदर करते थे।

Paragraph On Mahatma Gandhi

जब गाँधी जी 13 वर्ष की उम्र के थे और स्कूल में पढ़ते थे तब उनका विवाह पोरबंदर के एक व्यापारी की कन्या कस्तूरबा देवी जी से हुआ। वर्ष 1915 में गांधीजी भारत लौटे और देखा अंग्रेज भारत पर काफी तीजी से दमन कर रहे है।

वर्ष 1920 में तिलक जी का निधन हो गया था उसके बाद स्वतंत्रता आंदोलन का पूरा भार गांधीजी पर आ गया। वे आंदोलन का पूर्ण सञ्चालन अहिंसा की नीतियों पर चलकर करने लगे थे।

इसी समय पर उन्होंने देश में असहयोग आंदोलन को चलाया था। जिसमे हजारो की संख्या में वकील, शिक्षक, व्यापारी शामिल हुए थे।

गाँधी जी तब तक जीवट रहे तब तक देश के उद्दार के लिए कार्य करते रहे। गाँधी जी जब 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में स्थित बिरला भवन की प्राथना सभा में आ रहे थे तब नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने गोली मारकर गांधीजी की हत्या कर दी।

गांधीजी को भारतीय इतिहास के युग पुरुष के रूप में हमेसा याद रखा जायेगा। आज सारा विश्व उन्हें श्रदा से नमन करता है। गाँधी जी के जीवन पर अनेक भाषाओ में फिल्मे बनायीं गयी है जिसमे आज का मानव प्रेरना ले सकते है। गाँधी जी के जन्मदिवस को सारा संसार श्रदा और सम्मान के साथ मनाता है।

Essay Eighteen

महात्मा गाँधी को महात्मा उनके महान कार्यो और महानता के लिए कहा जाता है जो की जीवन भर अपने अतुल्य योग दान के लिए ज्यादातर लोग उन्हें “राष्ट्रपिता व बापू” के नाम से जानते है।

महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। इसी वहज से आज की हमारा देश 2 अक्टूबर को उनकी जयंती मनाता है।

Mahatma Gandhi Ka Nibandh

महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी का विवाह कस्तूरबा माखनजी से 13 वर्ष की उम्र में ही कर दिया गया था।

मोहनदास और कस्तूरबा के चार पुत्र हुए जिनका नाम हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास था। मेट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद गाँधी जी उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए। वह से लौटकर गांधीजी ने वकालत प्रारम्भ की।

गांधीजी का सार्वजनिक जीवन दक्षिण अफ्रीका से प्रारम्भ हुआ। जब वह उन्होंने भारतीयों के साथ होने वाले बुरे व्यवहार को देखा तो उन्होंने भारतीयों की सहायता की ओर सत्याग्रह आंदोलन प्रारम्भ किया।

भारत आने के पश्चात उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। उसके साथी उन्होंने कई अभियानों की भी शुरुवात की जैसे अवज्ञा अभियान, असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन।

गाँधी जी को स्वतंत्रता के लिए बहुत यातनाये दी गयी बहोत बार जेल भी जाना पड़ा और अंत में भारत की 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

गाँधी जी का सादा जीवन उच्च विचार और अहिंसा के पुजारी थे। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और इसी तरह एक युग का अंत हो गया।

Mahatma Gandhi Essay In English 200 Words
Mahatma Gandhi Essay In Hindi

Essay Nineteen

महात्मा गाँधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपने पूरे जीवन को भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में बिताया था। महात्मा गाँधी जी को भारत में “बापू” या “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है। उनक पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi

गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में गए था। 2 अक्टूबर का दिन भारत में गाँधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था।

स्थानीय प्राइमरी एवं हाई स्कूल में ही उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। प्रवेशिका परीक्षा प्राप्त करने के बाद वे कानूनी पेशे के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड गए। बचपन से ही वे सच्चे और ईमानदार थे।

अपने चरित्र के सम्बन्ध में वे बड़े सावधान रहते थे। महात्मा गाँधी का विवाह मात्र तेरह वर्ष की आयु में ही कस्तूरबा के साथ हो गया था।

उनके चार बेटे हीरालाल, मणिलाल, रामदास और देवदास थे। वे एक ऐसे महापुरुष थे जो अहिंसा और सामाजिक एकता पर विश्वास करते थे। उन्होंने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग के लिए प्रेरित किया और विदेशी वस्तुओ का बहिष्कार करने के लिए लोगो को प्रेरित किया।

इंग्लैंड से उन्होंने अपने को वकालत के लिए योग्य बनाकर व भारतवर्ष आये और बम्बई हिघ्कोर्ट में उन्होंने वकालत आरम्भ की। अपने मुवक्किल के एक मुक़दमे के सम्बन्ध में वे दक्षिण अफ्रीका में गए।

वह उन्होंने देखा की किस प्रकार भारतवासी दक्षिण अफ्रीका के यूरोपीय निवसीयो द्वारा अपमानित किये जाते थे। उन्होंने नेटाल इंडिया कांग्रेस की स्थापना की। इसके तत्वाधान में उन्होंने उन दुखो को दूर के करने के लिए आंदोलन किया। जिनसे भारतवासी पीड़ित थे।

Mahatma Gandhi Essay

उन्होंने सत्याग्रह नामक नए अस्त्र का आविष्कार किया। इस अस्त्र की सहायता से दृढ़कतापूर्वक लड़ाई की। वे जेल गए पर अपने संकल्प पर डटे रहे। अपने प्रयत्न में काफी सफलता मिली।

उसी समय बिहार में यूरोपियन निलहे (नील की खेती करने वाले) प्रजा पर बड़ा अत्याचार कर थे। महात्मा गाँधी जी ने अपने कार्यरत का स्थानांतर मोतिहारी बिहार में किया।

उन्होंने नील के किसानो का पक्ष लिया उनके हस्तक्षेप से दोनों पक्षों के बिच समझौता हो गया। महात्मा गाँधी ने अपना असहयोग आंदोलन 1921 में आरम्भ किया।

उसी समय से उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस को अपने नियंत्रण में ले लिया। उनकी कुशल देकरेख में इंडियन नेशनल कांग्रेस शक्ति प्राप्त करती गयी। देश की आजादी के लिए उन्होंने समय समय पर कई लड़ाईया लड़ी। उनके योग्य पथ प्रदर्शन में अपने लक्ष्य पर पहुंच  गया।

महात्मा गाँधी भारत के ही सबसे महान पुत्र नहीं थे बल्कि वे दुनिया के सबसे महान पुरषो में से एक थे। अपनी राजनीती के कारण वे महान नहीं थे।

उनकी महत्ता उनके जीवन के नैतिक दृश्टिकोण में थी। उनके लिए सत्य सद्गुण या आदर्श नहीं था। यह उनका जीवन ही था। इसिने उन्हें उस अजेय शक्ति से सज्जित किया जो उनके पास थी। वे किसी से डरते नहीं थे। सत्य और न्याय के लिए वे संसार की सबस्वे बड़ी शक्ति का भी सामना करने के लिए तैयार रहते थे।

Mahatma Gandhi Per Nibandh

उन्होंने गीता का गहन अध्ययन किया था और व्यवहारिक जीवन में वे उसकी शिक्षा का पालन करते थे। भारतवर्ष की स्वतंत्रता की प्राप्ति में गांधीजी सफल हुए। वे सारे संसार में सत्य और अहिंसा क प्रधानता देखना चाहते थे। अभाग्यवश संसार आज दूसरी और झुका है।

परन्तु, संसार का भविष्य तभी सुरक्षित हो सकता है जब यह उनके बताये मार्ग पर चले। कोई दूसरा रास्ते खतरे से भरा है। मोहनदास करमचंद गाँधी की हत्या 30 जनवरी 1948 की शाम को नयी दिल्ली स्थित बिरला भवन में गोली मारकर की गयी थी।

वे रोज शाम को प्राथना किया करते थे। 30 जनवरी 1948 की शाम को जब वे सांध्यकालीन प्रार्थना के लिए जा रहे थे तभी नाथूराम गोडसे ने पहले उनक ेपैर छुए और फिर सामने से उन पर पिस्तौल से तीन गोलीया दाग दी। उस समय गांधीजी अपने अनुचरो से घिरे हुए थे। भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि साड़ी दुनिया उनकी मृत्यु से श्रीहीन हो गयी है।

Essay Twenty

बुरा मत देखो, बुरा मत करो, बुरा मत सुनो – ये अनमोल वचन महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गाँधी जी के थे। महात्मा गाँधी जी को सम्पूर्ण भारत बापू और राष्ट्रपिता के रूप से जानता है।

गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था।

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi

गाँधी जी के पिता पोरबंदर के दीवान थे और माता धार्मिक विचारो की महिला थी। 13 वर्ष की आयु में गांधीजी का विवाह कर दिया गया। महत्मा गाँधी जी ने मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण और हाई स्कूल भावनगर कॉलेज में प्रवेश लिया और डिग्री प्राप्त की।

इसके बाद वे बैरिस्टर की शिक्षा प्राप्त करने इंग्लैंड चले गए। दक्षिण अफ्रीका के ब्रिटिश कॉलोनी अपने कानूनी शिक्षा के समय काले गोर भेदभाव का सामना करना पड़ा।

भेदभाव के कारण आजादी का निर्णय लिया और भारत लौटे। हमारे देश को अंग्रेजो से आजाद करने अहिंसक आंदोलन प्रारम्भ किया जिनमे नमक सत्याग्रह, दांडी मार्च आंदोलन प्रमुख दो थे।

इस अहिंसक आंदोलन के कारण अंग्रेजी शासन की नीव हिल गयी और अँगरेह भारत छोड़ने पर विवश हो गए और भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ।

तभी 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजादी प्राप्त करने के बाद 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा उनकी हत्या कर दी गयी।

महात्मा गाँधी जी ने पूर्ण जीवन भारत को स्वतंत्र कराने में लगा दिया। उन्हों इएह सिद्ध कर दिया की अहिंसा और एकता में कितनी शक्ति होती है।

गाँधीजी को देश सदैव राष्ट्रपिता और बापू के रूप में याद करेगा।

3 thoughts on “Mahatma Gandhi Essay In Hindi”
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