National Youth Day 2022: देखा जाए तो किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओ पर निर्भर करता है एक नए प्रतिभा के आ जाने से न केवल सिर्फ देश की प्रगति होती है बल्कि देश का विकास भी सही राह पर होता है देश के युवाओ के मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रिय युवा दिवस मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है राष्ट्रिय युवा दिवस 12 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है चलिए जानते है राष्ट्रिय युवा दिवस की सम्पूर्ण कहानी हिंदी भाषा में जुड़े रहिये हमारे साथ आर्टिकल में।
National Youth Day 2022
स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के हुआ था उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस थे विवेकानंद जी ने 25 वर्ष की आयु में गेरुआ वस्त्र पहन लिया था उसके बाद उन्होंने पैदल ही पूरे भारत की यात्रा की।
विवेकानंद जी ने वर्ष 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मलेन में हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और हिंदी धर्म को सार्वजनिक पहचान दिलाई। गुरु रविंद्रनाथ ठाकुर ने उनके बारे में कहा था यदि आप भारत को जानना चाहते है तो आप स्वामी विवेकानंद को पढ़िए क्युकी उनमे आप सब कुछ सकारात्मक ही पायंगे नकारात्मक कुछ भी नहीं।
महात्मा गौतम बुद्ध के बाद स्वामी विवेकानंद भारत के पहले धार्मिक सांस्कृतिक राजदूत थे उन्होंने दिखाया की विश्व की संस्कृति में भारत का काफी बड़ा योगदान है उन्होंने पहचान दी की हम कौन है और भारतीय संस्कृति क्या है इतना ही नहीं उन्होंने हिन्दू धर्म के एकीकरण में भी अहम् भूमिका निभाई।
उन्होंने अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओ का प्रचार करने के लिए राम कृष्ण मिशन की स्थापना की और आधुनिक विश्व के संदर्भ में कई प्राचीन हिन्दू शास्त्रों की व्याख्या की।
उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उन्होंने युवाओ को चरित्र निर्माण की और प्रेरित किया और कहा मनुष्य को महान बनने के लिए संदेह ईर्ष्या और द्वेष छोड़ना चाहिए
साथ ही उनका मन्ना था की आत्मा का कोई लिंग नहीं होता है अतः समाज में महिलाओ का वही सम्मान और स्थान होना चाहिए जो पुरुषो का होता है।

National Youth Day Swami Vivekananda
स्वमी विवेकानंद ने युवाओ को चरित्र निर्माण के लिए 5 सूत्र दिए
- आत्मविश्वास
- आत्मत्याग
- आत्मसंयम
- आत्मनिर्भरता
- आत्मज्ञान
इसमें कोई संदेह की बात नहीं है की विवेकानंद जी ने भारतीय संस्कृति को राष्ट्रिय एवं अंतरास्ट्रीय मंच पर पहचान दी इसीलिए जब संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 1985 को अंतरास्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया तब इस बात को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार ने घोषणा की थी की वर्ष 1985 से प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस पर राष्ट्रिय युवा दिवस के रूप में पूरे देश भर में मनाया जायेगा।
स्वामी जी का दर्शन उनका जीवन उनका कार्य और उनके आदर्श भारतीय युवा के लिए प्रेरणा के स्त्रोत शाबित हो सकते थे।
राष्ट्रिय युवा दिवस भारत के कैसे मनाया जाता है ?
इस दिन देश भर के विद्यालयों और महाविद्यालयों में तरह तरह के कार्यक्रम होते है रैलिया निकली जाती है योगासन की स्पर्धा आयोजित की जाती है पूजा पाठ होता है व्याख्या होते है और विवेकानंद साहित्य की प्रदर्शनी लगती है।
इसके अलावा स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के अवसर पर देशभर में फैले रामकृष्ण मिशन के केंद्रों और बेलूर मठ में फैले संस्कृति और परम्परा को समृद्ध करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
स्वामी विवेकानंद के बारे में रोचक तथ्य
- बचपन में विवेकानंद जी की माँ ने उनका नाम वीरेश्वर रखा था साथ ही उन्हें बिली कहकर बुलाती थी बाद में उनका नाम नरेंद्र नाथ दत्त हो गया।
- अपने पिताजी की मृत्यु के बाद स्वामी जी का जीवन गरीबी में बीता कई दिन उनकी माता और बहन को प्रत्येक दिन के भोजन के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता था इसलिए स्वामी जी कई बार दो दो दिन तक भूके रहते थे ताकि परिवार के अन्य लोगो को पर्याप्त भोजन मिल सके।
- BA की डिग्री होने के बावजूद स्वामी जी को नौकरी की तलाश में भटकना पड़ा जिसके कारण वह लगभग नास्तिक हो गए थे और उनका भगवन पर से विश्वास भी उठ गया।
- स्वामी विवेकानंद जी में इतनी ज्यादा सादगी थी की उन्होंने वर्ष 1896 लंदन में कचौरिया भी बनायीं।
- स्वामी विवेकानंद जी ने भविष्य वाणी की थी की वह 40 वर्ष की आयु को प्राप्त नहीं कर पायंगे उनकी यह बात सच तब साबित हुई जब 4 जुलाई 1902 को जब वह 39 वर्ष के थे और उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए उन्होंने समाधी की अवस्था में अपने प्राण त्याग दिए उनकी मृत्यु की वजह तीसरी बार दिल का दौरा था।
Youth Day in India
- एक बार विवेकानंद जी विदेश गए जहा उनसे मिलने बोहोत सारे लोग आये हुए थे उन लोगो ने स्वामी जी से हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे किया और इंग्लिश में hello बोला जिसका जवाब स्वामी जी ने बड़ी नम्रता से अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते कहकर दिया,
- यह सुनकर सभी लोगो को लगा की शायद स्वामी जी को अंग्रेजी नहीं आती और उनमे से एक लोग ने स्वामी जी से पूछा आप कैसे है तो इसका जवाब में स्वामी जी ने बोला I am fine Thank You.
- और वह खड़े सभी लोग आस्चर्यचकित हो गए तो लोगो ने पूछा की जब हमने सवाल अंग्रेजी में किया तो आपने उसका जवाब हिंदी में दिया और जब अपने आपसे सवाल हिंदी में किया तो अपने उसका जवाब अंग्रेजी में दिया इसका क्या कारण है।
- तो इसके जवाब में स्वामी जी ने बोला जब आप अपनी माँ का सम्मान कर रहे थे तो मैंने अपनी माँ का सम्मान किया और जब अपने मेरी माँ का सम्मान किया तो मैंने आपकी माँ का सम्मान किया इसीलिए स्वामी जी का प्रत्येक भारतीय के लिए संदेश है,
उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये दोस्तों इसीलिए प्रत्येक वर्ष राष्ट्रिय युवा दिवस मनाया जाता है।
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